Haryana Fasal Suraksha Yojana: फसल नुकसान पर हरियाणा सरकार की मुआवजा योजना, देखे पूरी जानकारी!

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Haryana Fasal Suraksha Yojana: हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, जहां पर आधे से अधिक लोग कृषि के काम से जुड़े हुए हैं। कृषि में काम करने वाले किसानों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि खेती का काम मौसम पर निर्भर करता है। कभी-कभी आंधी, बारिश, तूफान, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल का काफी नुकसान हो जाता है, जिससे किसानों की आय में भारी कमी हो जाती है।

किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (जिसे हरियाणा फसल बीमा योजना के नाम से भी जाना जाता है) की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान का मुआवजा देना है।

यह योजना उन किसानों के लिए है, जिनकी कृषि भूमि पंजीकृत है। अगर प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में नुकसान होता है, तो सरकार किसानों को मुआवजा प्रदान करती है ताकि उनका आर्थिक नुकसान कम हो सके। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे वे अपनी अगली फसल की तैयारी कर सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहे।

इस पोस्ट में हम हरियाणा फसल सुरक्षा योजना से जुड़ी सभी जानकारी देंगे, जैसे:

इस योजना का उद्देश्य
योजना के लिए पात्रता और योग्यता
आवेदन प्रक्रिया
योजना के लाभ और विशेषताएं
आवेदन कैसे करें?

Haryana Fasal Suraksha Yojana 2024 क्या हैं?

हरियाणा में कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक राहत की खबर आई है, क्योंकि राज्य सरकार ने किसानों को हुए भारी आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इस साल खरीफ सीजन में राज्य के सात जिलों में कपास की फसल को पिंक बॉलवॉर्म नामक कीट के कारण काफी नुकसान हुआ था। इसके कारण किसानों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।

कृषि विभाग ने इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने के लिए एक बीमा कंपनी को आवेदन करने से मना कर दिया। इसके बाद, राज्य सरकार ने हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (HFSY) की शुरुआत की है, ताकि कपास किसानों को वित्तीय सहायता मिल सके।

राज्य के सात जिलों—हिसार, जींद, अंबाला, गुरुग्राम, करनाल, महेंद्रगढ़ और सोनिपत में यह योजना लागू की गई है। यह योजना 22 सितंबर से शुरू हो गई है। इस योजना के तहत, कपास के किसानों को एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा और उन्हें फसल के शुल्क के तौर पर 1500 रुपये का भुगतान करना होगा। इसके बाद, सरकार किसानों को फसल कटाई के आधार पर प्रति एकड़ अधिकतम 30,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनके कृषि नुकसान की भरपाई करना है, ताकि वे अपनी अगली फसल की तैयारी कर सकें और आर्थिक संकट से उबर सकें।

Haryana Fasal Suraksha Yojana – एक जिले में हुआ नुकसान का आंकड़ा

हाल ही में द ट्रिब्यून में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि हिसार जिले में पिंक बॉलवॉर्म के कारण लगभग 1.4 लाख हेक्टेयर में लगी कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

यह जिले कलस्टर टू का हिस्सा है, और इसलिए यहां के किसान फसल बीमा नहीं करवा सके थे, क्योंकि बीमा कंपनी ने कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसलों का बीमा करने से इनकार कर दिया था।

किसान अपनी समस्याओं को लेकर असमंजस में थे, क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए थे। किसानों का कहना है कि वे इस योजना के कार्यान्वयन के बारे में पूरी तरह से भ्रमित थे।

Haryana Fasal Suraksha Yojana में बिना स्पष्ट दिशानिर्देश के भुगतान का आदेश

इस मुद्दे पर हिसार जिले के गोरची गांव के किसान अनिल सिंह ने बताया कि उन्होंने जुलाई महीने में ही 1900 रुपये प्रति एकड़ की दर से आठ एकड़ में लगी कपास की फसल का बीमा कराया था और प्रीमियम का भुगतान भी किया था। लेकिन

न तो उनका प्रीमियम वापस किया गया और न ही उन्हें फसल बीमा का कोई लाभ मिला। अब, सरकार द्वारा किसानों से 1500 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन इसके लिए कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। अनिल सिंह ने कहा कि उन्होंने कृषि विभाग के एक अधिकारी से भी इस बारे में बात की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

Haryana Fasal Suraksha Yojana सिर्फ कपास किसानों को राहत

किसान संघर्ष समिति के एक कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि कलस्टर 2 के कुछ क्षेत्रों में कम बारिश और कुछ अन्य क्षेत्रों में अधिक बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (एचएफएसवाई) में केवल कपास की फसल का ही जिक्र किया गया है। इस योजना के तहत खरीफ फसलों में कपास के अलावा अन्य फसलों को बाहर कर दिया गया है।

इसका मतलब यह है कि जैसे धान, मूंग, और बाजरा के किसानों को भी मौसम की बेरुखी के कारण भारी नुकसान हुआ है, लेकिन उन्हें इस योजना के तहत कोई राहत नहीं मिलेगी। केवल कपास किसानों को ही सरकार की तरफ से सहायता मिल रही है, जबकि अन्य फसलों के उत्पादक किसान इस राहत से वंचित रह गए हैं। 

Haryana Fasal Suraksha Yojana के लिए अप्लाई कैसे करे 

हरियाणा फसल सुरक्षा योजना का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। इसे आप खुद घर बैठे कर सकते हैं या फिर नजदीकी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर सहायता ले सकते हैं। पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:

आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
सबसे पहले, हरियाणा फसल सुरक्षा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

पंजीकरण का विकल्प चुनें:
वेबसाइट के होम पेज पर ‘Registration’ का विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें।

लॉगिन करें:
पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद, फसल बीमा के लिए लॉगिन करें। इसके लिए अपनी पंजीकृत आईडी और पासवर्ड का उपयोग करें।

आवेदन फॉर्म भरें:
लॉगिन करने के बाद आपके सामने आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें मांगी गई सभी जानकारी जैसे कि नाम, पता, फसल की जानकारी आदि सही और स्पष्ट रूप से भरें।

दस्तावेज़ अपलोड करें:
फॉर्म भरने के बाद, आवश्यक दस्तावेज़ जैसे जमीन का रिकॉर्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण आदि को स्कैन करके अपलोड करें।

फॉर्म सबमिट करें:
सभी जानकारी और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद फॉर्म को ध्यानपूर्वक जांचें और फिर सबमिट कर दें।

पावती प्राप्त करें:
फॉर्म सबमिट करने के बाद, आपको एक पावती (Acknowledgment) मिलेगी। इसे भविष्य के लिए संभालकर रखें।

Haryana Fasal Suraksha Yojana Registration: यहाँ से करें

Haryana Fasal Suraksha Yojana ऑफिसियल वेबसाइट

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